महिला रोग निदान क्लिनिक हेल्थकेयर, महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, बार-बार गर्भपात होना (Recurrent Miscarriage) के निदान, मूल्यांकन और प्रबंधन में अग्रणी है। हमारी अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम, न केवल व्यापक ज्ञान और दक्षता से युक्त है, बल्कि नवीनतम शोध और प्रमाण-आधारित दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए आपके साथ मिलकर काम करती है।
बार-बार गर्भपात होना, दो या दो से अधिक लगातार गर्भपात का अनुभव, महिलाओं के लिए प्रजनन स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण के लिए एक जटिल और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है।हमारे क्लिनिक में, हम बार-बार गर्भपात होना के संभावित अंतर्निहित कारणों का गहन विश्लेषण करते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
आनुवंशिक विकृतियाँ (Genetic Abnormalities): भ्रूण में गुणसूत्र संबंधी असामान्यताएं जो गर्भपात का कारण बन सकती हैं।
हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances): प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजन के स्तर में असंतुलन जो गर्भाशय के अस्तर को प्रभावित करते हैं।
गर्भाशय संबंधी विकृतियाँ (Uterine Abnormalities): फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, या गर्भाशय की असामान्य आकृति जो गर्भधारण और भ्रूण विकास में बाधा डाल सकती हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी विकार (Immunological Disorders): एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (APS) जैसी स्थितियां जो गर्भपात का कारण बन सकती हैं।
संक्रामक रोग (Infections): रूबेला या टोक्सोप्लाज्मोसिस जैसे संक्रमण जो गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
जीवनशैली कारक (Lifestyle Factors): धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, और तनावपूर्ण जीवनशैली।
विस्तृत चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण: आपके गर्भधारण के इतिहास, स्वास्थ्य स्थितियों, जीवनशैली कारकों, सामाजिक-आर्थिक पहलुओं और मानसिक स्वास्थ्य का गहन मूल्यांकन।
हार्मोनल परीक्षण: रक्त परीक्षणों के माध्यम से हार्मोन के स्तरों का सटीक मापन, जिसमें प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन, थायराइड हार्मोन और एंड्रोजन शामिल हैं।
अल्ट्रासाउंड और इमेजिंग: गर्भाशय, अंडाशय और आसपास के क्षेत्रों की विस्तृत छवियां प्राप्त करने के लिए ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड, 3डी अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसी अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीकों का उपयोग।
आनुवंशिक परीक्षण: भ्रूण या आपके डीएनए में आनुवंशिक असामान्यताओं की पहचान करने के लिए कैरियोटाइपिंग, प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (PGD) या अगली पीढ़ी के अनुक्रमण (NGS) जैसी उन्नत आनुवंशिक जांच।
रोगाणु संबंधी परीक्षण: रक्त परीक्षणों या गर्भाशय के नमूनों के माध्यम से संक्रामक रोगों का पता लगाना।